मौलिक कर्त्तव्य
मौलिक कर्त्तव्य
वर्ष 1976 में अपनाए गए 42वां संविधान संशोधन के द्वारा नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को सूचीबद्ध किया गया है। संविधान के भाग IV में सन्निहित अनुच्छेद 51 ‘क’ मौलिक कर्तव्यों के बारे में है। ये अन्य चीजों के साथ साथ नागरिकों को, संविधान का पालन करने, आदर्श विचारों को बढ़ावा देने और अनुसरन करने का आदेश देता है, जिससे भारत के स्वंतत्रता संग्राम को प्रेरणा मिली थी, देश की रक्षा करने और जब बुलावा हो तो देश की सेवा करने और सौहाद्रता एवं समान बंधुत्व की भावना विकसित करने एवं पारा धार्मिकता का संवर्धन करने, भाषाविद् और क्षेत्रीय एवं वर्ग विविधताओं का विकास करने का आदेश देता है।
Posted on May 2, 2011, in भारत, भारत एक नजर में, भारत का संविधान, भारत के बारे में जानें, मौलिक कर्त्तव्य, राजनीतिक व्यवस्था जानें. Bookmark the permalink. Leave a comment.
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